From Pracheen Kala Kendra on Saturday 17th May 2025 at 7:15 PM
307वीं मासिक बैठक में प्रस्तुति से फिर जगा गीत संगीत का जादू
चंडीगढ़: 17 मई 2025: (मीडिया लिंक//संगीत स्क्रीन डेस्क)::
चंडीगढ़ को लेकर अक्सर कहा जाता रहा कि यह तो पत्थरों का शहर है। इस धारणा को जो लोग लगातार गलत साबित करते आ रहे हैं उनमें प्राचीन कला केंद्र भी शामिल है। यह संस्थान इन्हीं पत्थरों में गीत संगीत के जादू का अहसास करवाता आ रहा है। हर बार नए पुराने कलाकारों से रूबरू करवाना और संगीत लहरियों से पूरे माहौल को संगीत मई बना देना इसी संस्थान की टीम का काम रहा।
प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित 307वीं मासिक बैठक कार्यक्रम का आयोजन शनिवार, 17 मई 2025 को एम. एल. कोसर इंडोर ऑडिटोरियम, सेक्टर 35-बी, चंडीगढ़ में किया गया। इस अवसर पर युवा एवं प्रतिभाशाली गायिका सुश्री प्रियंका ठाकुर ने शास्त्रीय गायन की एक मनोहारी प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की शुरुआत राग मालकौंस से हुई, जिसमें उन्होंने विलंबित ख्याल "पीर ना जाने बालम" प्रस्तुत किया। भावपूर्ण गायन शैली से उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पश्चात, उन्होंने तीन ताल में द्रुत ख्याल "बालम नहीं आए" सुनाया, जिसने कार्यक्रम की गति और भी तीव्र कर दी। अपनी प्रस्तुति को और ऊर्जावान बनाते हुए, प्रियंका ठाकुर ने अति द्रुत में टप्प ख्याल "हर हर महादेव पति" प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।
शास्त्रीय प्रस्तुति के उपरांत, उन्होंने हिमाचली लोकगीत "कुंजू चंचलो" की मधुर प्रस्तुति दी, जो श्रोताओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय रही और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराही गई।
गायिका का साथ दिया श्री दिव्यांश ठाकुर (तबला) एवं श्री पियूष मिश्रा (हारमोनियम) ने, जिनकी संगति ने पूरी प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली बनाया।
कार्यक्रम में संगीत प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही, और सभी ने इस शाम को संगीत से सजी एक अविस्मरणीय अनुभूति बताया।
डॉ. शोभा कोसर (रजिस्ट्रार) व श्री सजल कोसर (सचिव) ने सभी संगीतप्रेमियों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए श्री विनोद चन्ना (शिमला) , श्री गुंजन चन्ना, पं. देवेंद्र वर्मा डॉ जगमोहन शर्मा , डॉ. हरमोहन शर्मा, श्री सौरभ आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को सम्मानित भी किया गया। कुल मिलाकर यह भी एक याधारी कार्यक्रम रहा। इस ने चंडीगढ़ के संगीत भरे माहौल को एयर भी अमीर बनाया।
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