Saturday, September 24, 2022

परंपरा: प्राचीन कला केन्द्र के छात्रों द्वारा खूबसूरत प्रस्तुतियां

24th September 2022 at 5:28 PM
 अपने गुरूओं से प्राप्त संगीत शिक्षा का बखूबी प्रदर्शन किया 

मोहाली
: 24 सितंबर 2022: (कार्तिका सिंह//संगीत स्क्रीन)::

झुलसा वाली गर्मी ने विदा लेनी शुरू कर दी
और तन को शी
त लहर का अहसास कराने वाली सर्दियों ने भी दस्तक दे दी है। मौसम सुहावना सा हो चला है। दिल दिमाग प्रकृति के संगीत से झंकृत होते भी महसूस होने लगते हैं। निरंतर हो रही बरसात इस महत्वपूर्ण तब्दीली की गवाही भी दे रही थी। 
बारिश के कारण रास्ते भी पानी से भरे हुए थे लेकिन  बहुत से लोग इस का आनंद लूट रहे थे। एक आनंद सा छाया हुआ था। बरसात की एक रिमझिम बाहर हो रही थी और संगीत की एक रिमझिम हाल के अंदर सभी के अंतर्मन पर हो रही थी। सब अपने आप में व्यस्त और मगन। ऐसा कोई नहीं था जो मन और अंतरात्मा को मिल रही शीतलता का आनंद न उठा रहा हो। बाहरी मौसम की तब्दीली के साथ साथ अंतर्मन भी एक तब्दीली चाह रहा था और वह तब्दीली दिखने भी लगी लेकिन इसकी गवाही कौन दे? चंडीगढ़ और मोहाली में स्थित प्राचीन कलाकेंद्र के दोनों परिसरों में आज भी चहल पहल थी। गुरुकुल के सम्मान की तरह शिक्षा पाए हुए छात्र छात्राएं अपने रंग में रंगे हुए थे। उनके अंतर्मन में संगीत के आनंद की बरसात हो रही थी जो जन्मों जन्मों के ताप संताप हर लेती है। इस संगीत की सुर के साथ मिल कर बारिश की बूँदें किसी अमृत वर्षा की तरह महसूस हो रहीं थीं। 

गौरतलब है कि प्राचीन कला केन्द्र आज किसी परिचय का मोहताज नहीं, भारत की प्राचीन कलाओं को संजोने और बढ़ावा देने को अद्भुत कार्य प्राचीन कला केन्द्र पिछले 6 दशकों से निरंतर करता आ रहा है। केन्द्र के मोहाली और चंडीगढ़ काम्पलेक्स में छात्र भारतीय संगीत कलाओं की विधिवत शिक्षा प्राप्त करते हैं और केन्द्र युवा छात्रों को मंच प्रदान करके उनकी प्रतिभा को निखारने का कार्य भी सफलतापूर्वक कर रहा है । इसी कड़ी में केन्द्र की सिलसिलेवार ‘‘परंपरा’’ का आयोजन मासिक कार्यक्रम के तहत किया जाता है । आज केन्द्र की परम्परा केन्द्र के मोहाली स्थित डॉ.शोभा कौसर सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने अपने गुरूओं से प्राप्त संगीत शिक्षा का बखूब प्रदर्शन किया । कार्यक्रम का आयोजन सायं 4 बजे से किया गया । इस कार्यक्रम में विधिवत शिक्षा दे रहे गुरू प्रवेश कुमार,दविंदर सिंह और हृदयकांत के निर्देशन में छात्रों ने मंच प्रदर्शन किया । फाईन आर्ट्स के छात्रों की कुछ खूबसूरत पेंटिग्स का भी इस अवसर पर प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम का आरम्भ सरस्वती वंदना से किया गया
जिसके बोल थे वंदना को स्वर समर्पित । इसके उपरांत राग भोपाली में गिटार वादन पेश किया गया और खूबसूरत गत पेश करके छात्रों ने खूब तालियां बटोरी । इसके पश्चात राग भाग्यश्री में छात्रों द्वारा बड़े ख्याल की रचना ‘‘प्रीत लागी’’ पेश की गई साथ ही छोटे ख्याल में निबद्ध रचना ‘‘कौन करत’’ प्रस्तुत की गई । इसके उपरांत तराना पेश किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । सामूहिक रूप से गायन करते छात्रों में खूबसूरत सामंजस्य नजर आया।

इसके पश्चात एकल गिटार वादन पेश किया गया जिसमें फलेवरस ऑफ फिंगर स्टाईल गिटार पेश की । इसके उपरांत एक भजन ‘‘तू मेरी राक्खो लाज हरि’’ जोकि अहीर भैरवी में निबद्ध था पेश किया गया । इसके पश्चात एक अन्य एकल गिटार वादन जो कि भैरवी में निबद्ध था प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एक खूबसूरत कव्वाली जो कि पहाड़ी राग में निबद्ध थी पेश की गई इस कव्वाली के बोल थे ‘‘भर दो झोली’’। कार्यक्रम के अंत में राग भैरवी में एक शब्द ‘‘बहुत जन्म’’ पेश किया गया।

कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की  डिप्टी  रजिस्ट्रार डॉ.समीरा   कौसर ने छात्रों एवं गुरूओं को प्रशंसा भरे शब्दों से उत्साहित किया । इस अवसर पर छात्रों को सटीर्फिकेट भी प्रदान किए गए।

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