Friday, May 23, 2025

संगीतक आयोजन: जिसमें में 5 से 60 वर्ष तक के छात्रों ने भाग लिया

From Pracheen Kala Kendra on Friday 23rd May 2025 at 4:52 PM

प्राचीन कला केन्द्र के छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत की मधुर प्रस्तुतियां


चंडीगढ़
: 23 मई 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह/ /मीडिया लिंक32/ /संगीत स्क्रीन डेस्क)::

जो जो संगठन चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में गीत संगीत के क्षेत्रों की नींव मज़बूत बना रहे हैं उनमें प्राचीन कलाकेंद्र भी एक है। इस प्राचीन कलाकेंद्र में दशकों से इस शिक्षा को बहुत ही अदब के साथ नई  पीढ़ी तक पहुँचाया जा रहा है। हर वर्ग से जुड़े संगीत प्रेमियों को गीत संगीत और डांस में जहां सिखलाई दी जाती है। इसका सबूत एक बार फिर आज मिला जब आज के आयोजन में पांच वर्ष की उम्र से लेकर ६० वर्ष तक की उम्र के संगीत साधक मंच पर आए। 

प्राचीन कला केन्द्र की विशेष संगीतक संध्या में परंपरा श्रृंखला के तहत सैक्टर 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार में केंद्र के छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां पेश की गई । केंद्र में कार्यरत सधी हुई संगीत शिक्षिक श्री  सुरजीत कुमार एवं अमनदीप गुप्ता   के निर्देशन में छात्रों ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन करके खूब तालियां बटोरी। इसमें 5 से 60 वर्ष तक के छात्रों ने भाग लिया। विभिन्न  प्रस्तुतियों से सजे इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई ।उपरांत  कलाकारों द्वारा जपुजी साहिब पर आधारित एक रचना "ऐ मेरे मन" पेश की गयी तथा राग खमाज तथा बिहग पर आधारित सुन्दर बंदिशें प्रस्तुत की गयीं।  इसके बाद कलाकारों ने सरगम गीत तथा गीतमाला पेश की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । इसके बाद  किशोरावस्था के बच्चों द्वारा  लोकप्रिय  भजन वैषणव जान , अच्युतम केशवम , , प्रभु आपकी कृपा से मेरा सब काम हो रहा है , शिव कैलाशों के वासी , औ पालनहारे तथा राम स्तुति पेश की गयी जिस से दर्शक भक्ति रंग में रंग  गए।  

इसके उपरांत एकल तबला वादन पेश किया गया जोकि तीन ताल पर आधारित था।   कार्यक्रम के अंतिम भाग में ग़ज़लें पेश की गयीं।  खूबसूरत ग़ज़लों के रंग में रंगी शाम से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। डाॅ.समीरा  कौसर ने छात्रों एवं गुरू की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये युवा कलाकार देश की संस्कृति की धरोहर को प्रफुल्लित करने का काम बखूबी कर रहे हैं। प्राचीन कला केंद्र द्वारा उभरती प्रतिभाओं को मंच देने के साथ साथ युवा छात्रों को संगीतक  अभ्यास और रियाज़ में  सधे  हुए गुरुओं के सानिध्य में  प्रफुल्लित करके कला एवं संगीत की अमूल्य सेवा कर रहा है। इससे संगीत की दुनिया और अधिक विशाल एवं सुंदर होती जा रही है। 

कुल मिलाकर आज का यह आयोजन भी बहुत यादगारी रहा। इस अवसर पर श , िल हुए श्रोताओं और दर्शकों ने इस से जुडी यादों को अपने दिल दिमाग में संजोया। 

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