Thursday, December 25, 2025

नृत्य की विशेष संध्या में अमेरिका से आयी प्राची दीक्षित एवं समूह

Emailed on 24th December 2025 at 6:56 PM Regarding Kathak Dance Event at PKK

प्राचीन कला केंद्र में कत्थक नृत्य से सजी एक और शाम बनी यादगारी 


चंडीगढ़:24 दिसंबर 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह/ /संगीत स्क्रीन डेस्क )::

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित किये जा रहे विशेष कार्यक्रम में  अमरीका से आयी प्राची दीक्षित एवं समूह ने  अपने कत्थक नृत्य से दर्शकों को खूब आनंदित किया । पंडित कन्हैया लाल जी के  सानिध्य में प्राची ने नृत्य की शिक्षा प्राप्त  की और कत्थक नृत्य की बारीकियां सीखी । प्राची  अमेरिका में नूपुर डांस अकादमी की संस्थापक भी है और केंद्र का  सम्बद्ध  सेंटर भी चला रही हैं ।  इन्होंने विभिन्न प्रस्तुतियों से दर्शकों के दिल में जगह बनाई है । प्राची विदेश में भारतीय कला को प्रफुल्लित करने का अद्भुत कार्य कर रही हैं

आज के कार्यक्रम की शुरुआत इन्होने  एक भक्तिमयी रचना शिव वंदना से की।  इसके उपरांत  कृष्ण कविताओं  पर आधारित एक भाव पक्ष की रचना पेश की गयी  जोकि इनके गुरु द्वारा रचित कविताओं पर आधारित थी।  इसके उपरांत इनके समूह द्वारा कत्थक नृत्य के तकनीकी पक्ष को प्रस्तुत किया । जिस में तीन ताल पर आधारित विलम्बित, मध्य एवं द्रुत लाया पर आधारित  परन,गत,उठान,चालें,आमद,त्रिपल्ली,प्रमिलू,तिहाई और चक्रदार परन प्रस्तुत करके तकनीकी पक्ष पर अपनी मजबूत पकड़ का बखूबी प्रदर्शन किया । इसके उपरांत इन्होने भाव पक्ष पर आधारित एक खूबसूरत रचना पेश की कृष्णा एवं काली  जिस में दो दिव्य शक्तियों - कृष्ण और काली - के बीच एक कालातीत संवाद पेश किया गया।  कृष्ण माया का प्रतिनिधित्व करते हैं - दुनिया की सुंदरता और भ्रम जो हमें खुशी, प्रेम और आनंद के माध्यम से अपनी ओर खींचता है। उनकी बांसुरी आत्मा को मंत्रमुग्ध कर देती है, हमें याद दिलाती है कि अस्तित्व सार्थक और आकर्षक क्यों लगता है। दूसरी तरफ काली, उग्र और अडिग, शक्ति का प्रतीक हैं - कच्ची शक्ति, समय और परिवर्तन। वह भ्रम को तोड़ देती हैं, जहाँ आराम नहीं रह सकता, वहाँ जागृति लाती हैं। हालांकि वे विपरीत दिखते हैं, लेकिन वे संघर्ष में नहीं हैं। वे दिव्य पूरक हैं।

जहाँ कृष्ण आनंद जगाते हैं, वहीं काली जागृति लाती हैं। जहाँ कृष्ण भ्रम बनाए रखते हैं, वहीं काली सत्य को प्रकट करती हैं।

साथ मिलकर, वे आत्मा को भ्रम से मुक्ति की ओर, आनंद से उद्देश्य की ओर मार्गदर्शन करते हैं। यह प्रस्तुति डेविड आर. किंसले की किताब 'द स्वॉर्ड एंड द फ्लूट: काली एंड कृष्णा , हिंदू पौराणिक कथाओं से प्रेरित है

कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को पुष्प, उत्तरीया  एवं मोमेंटो  देकर सम्मानित किया गया ।

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