Saturday, June 18, 2022

सुरोताल सुसज्जित संध्या में उभरते कलाकारों ने जमाया रंग

18th June 2022 at 5:28 PM

‘‘सुरोताल सुसज्जित संध्या’’ प्राचीन कला केन्द्र की एक और उपलब्धि 


चंडीगढ़
: 18 जून 2022: (कार्तिका सिंह//संगीत स्क्रीन)::

प्राचीन कला केन्द्र पिछले 70 दशकों से निरंतर संगीत कला की स्वार्थहीन सेवा अपने अनथक प्रयासों से करता आ रहा है । प्राचीन कला केन्द्र न सिर्फ जाने माने कलाकारों की कला को कला प्रेमियों तक पहुंचाता है बल्कि आने वाले कल के युवा एवं उभरते कलाकारों को मंच देने का विलक्षण कार्य भी केन्द्र निरंतर करता आ रहा है । इसी कड़ी में आज एक विशेष सांगीतिक कार्यक्रम ‘‘सुरोताल सुसज्जित संध्या’’ का आयोजन प्राचीन कला केन्द्र द्वारा किया गया जिसमें चंडीगढ़ के कई उभरते कलाकारों द्वारा खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश की गई और इन कलाकारों ने न सिर्फ केन्द्र से बल्कि गुरू शिष्य परम्परा के तहत अपने माननीय गुरूओं से भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं ।

आज के कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में किया गया और इस कार्यक्रम में नन्हें पदमाकार कश्यप,उज्जवला मुरूगन,रिया चक्रवर्ती,श्रद्धा मुरलीधरन एवं सुहानी शर्मा ने अपनी कला प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

आज के कलाकारों में सब अपने आप में विलक्षण है । नन्हें पदमाकर कश्यप जो कि मात्र आठवीं के छात्र है और अपने पिता एवं गुरू प्रभाकर कश्यप और चाचा दिवाकर कश्यप से संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । संगीत इनके खून में बसा है ।

दूसरी कलाकार उज्जवला मुरुगन एक उच्च स्तरीय आईएएस माता-पिता की संतान है । 11 वीं की  प्रतिभावान छात्रा उज्जवला न सिर्फ संगीत में रूचि रखती है बल्कि खेलकूद और पढ़ाई में भी उनकी गहरी रूचि है । इन्होंने संगीत की शिक्षा अपने पहले गुरू यशपाल शर्मा के अलावा उज्जवला  प्रो.हरविंदर सिंह से संगीत की बारीकियां सीख रही है ।

आज की तीसरी कलाकार सुहानी शर्मा भी आईएएस माता-पिता की संतान है जो दसवीं की छात्रा है और अपने गुरू अमित गंगानी से पिछले पांच वर्षो से तबला की शिक्षा ग्रहण कर रही है । सुहानी ने प्राचीन कला केन्द्र से भी संगीत भूषण डिप्लोमा प्राप्त किया है ।

आज की चौथी कलाकार श्रद्धा मुरलीधरन डाक्टर दंपति की विलक्षण संतान है । 22 वर्षीय युवा श्रद्धा स्वयं एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है लेकिन संगीत में भी उनकी गहरी रूचि है । इन्होंने अपने गुरू प्रो.सौभाग्य वर्धन जी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की है । बाबा हरिवल्लभ सम्मेलन में जूनियर कंपीटिशन में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी श्रद्धा अब तक बहुत से कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुतियांे से संगीत प्रेमियों को अवगत करवा चुकी है ।

आज के कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति उपरोक्त सभी कलाकारों से थोड़ी अलग है क्यों कि हमारी पांचवी कलाकार रिया अग्रवाल विशेष रूप से सक्षम हैं क्योंकि न तो रिया ठीक से बोल पाती है न सुन पाती है, लेकिन इस कठिन परिस्थिति में भी हौसलों से भरी रिया को जब गुरू डॉ.शोभा कौसर के शिष्यत्व की छांव मिली तो उसकी तपती जिंदगी को एक नया आयाम मिला । रिया गुरू डॉ.शोभा कौसर के शिष्यत्व में कथक सीख रही है और बखूबी अपनी कला को निखार रही है ।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत पदमाकर कश्यप के गायन से हुई । राग मालकौंस में पदमाकार ने झपताल में निबद्ध रचना ‘‘प्रथम कर ओम’’ पेश की और इसके बाद छोटे ख्याल की रचना ‘‘सियापति राम कृष्णा राधा’’ । इसके पश्चात द्रुत लय में निबद्ध ‘‘आवें नहीं देत मोहे कन्हाई’’ पेश की । कार्यक्रम के अंत में एक भजन ‘‘ऐसे ही गुुरू भावे’’ पेश करके खूब सराहना प्राप्त की।

इसके पश्चात उज्जवला मुरूगन ने मंच संभाला और राग बागेश्री में आलाप के बाद विलम्बित ख्याल की रचना ‘‘कौन गत भई’’ पेश की । उपरांत द्रुत रचना ‘‘कौन करत तोरी विनती पिहरवा’’ पेश करके खूब तालियां बटोरी । उज्जवला ने कार्यक्रम के अंत में तराना पेश किया ।

इसके पश्चात सुहानी शर्मा ने तबला वादन प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने तीन ताल में तबले की प्रस्तुति पेश की । पेशकार,कायदे,रेले,गतें इत्यादि पेश करके खूब प्रशंसा हासिल की ।

कार्यक्रम की अगली पेशकश में श्रद्धा मुरलीधरन ने राग बिहाग से सजी बड़े ख्याल की बंदिश ‘‘का से कहंू मन की व्यथा’’ जो कि चतुश ताल में निबद्ध थी पेश की इसके उपरांत छोटे ख्याल की रचना ‘‘गुण गाऊँगी वीरन पथिकवा’’ प्रस्तुत की । कार्यक्रम के अंत में उन्होंने एक भजन ‘‘मन लगो मेरा यार फकीरी में’’ प्रस्तुत की जिसे दर्शकों ने खूब सराहा ।

कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में रिया अग्रवाल की कथक प्रस्तुति पेश की गई । इसमेें सबसे पहले रिया ने आलाप से शुरूआत करके गुरू वंदना पेश की । उपरांत धमार ताल 14 मात्रा में निबद्ध पर कथक नृत्य पेश किया । कार्यक्रम के अंत में तीन ताल से सजी कथक के कुछ पारम्परिक अंग जैसे कवित्त,तोड़े,टुकड़े,चालें इत्यादि बेहद खूबसूरती से पेश की । रिया ने अपने खूबसूरत नृत्य से इस बात की पुष्टि की कि इंसान चाहे तो दुनिया के हर असंभव काम को संभव किया जा सकता है बेशर्त हमारे पास इच्छा शक्ति हो । 

कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर,सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को मोमेंटो और सर्टिफिकेट  देकर सम्मानित किया गया ।


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