Tuesday 15th October 2024 at 7:51 PM Email and WhatsApp PKK Chandigarh
संगीत जगत के दो दिग्गज कलाकारों का को किया गया सम्मानित
तबला वादक पंडित विनोद पाठक एवं प्रसिद्ध सितार वादक पंडित हरविंदर शर्मा को अवार्ड
चंडीगढ़ को आम तौर पर लोग पत्थरों का शहर कहते हैं। इसकी बड़ी बड़ी इमारतें, भागदौड़ वाली ज़िन्दगी और जल्दबाज़ी में रुखसुखा सा जवाब देने वाले कुछेक लोग इस कथनी पर मोहर लगाते हुए भी महसूस होते हैं। इसके बावजूद प्राचीन कला केंद्र, कला भवन और रोज़ गार्डन जैसे संस्थान और स्थान यह भी याद दिलाते हैं की इसी चंडीगढ़ में संवेदना भी है, शायरी भी है और संगीत भी है। हाल ही में गुरु एम एल कौसर की समृति में कराया गया 19वां अवार्ड समारोह तांडव जैसे महान नृत्य के संबंध में यहां हुआ खोजपूर्ण काम भी बहुत कुछ बताता है। तांडव नृत्य की चर्चा हम एक अलग पोस्ट में कर रहे हैं यहां लौटते हैं प्राचीन कला केंद्र के इस विशेष आयोजन की चर्चा पर।
गुरू एम.एल.कौसर पिछले 6 दशकों से कला के क्षेत्र में अपनी बहुमूल्य सेवाओं और योगदान द्वारा नए आयाम स्थापित करने वाले तांडव सम्राट गुरू एम.एल.कौसर को श्रेष्ठ कलाकार होने के साथ-साथ भारतीय शास्त्रीय कलाकारों के वाहक के रूप में भी जाना जाता है । इन्होंने अपने अथक प्रयासों एवं निस्वार्थ सेवाओं के बल पर संगीत जगत में विशेष स्थान बनाया । ऐसी महान शख्सियत के इसी सहयोग को मद्देनजर रखते हुए प्राचीन कला केन्द्र की कार्यकारिणी समिति द्वारा वर्ष 2004 में एक लाख रूपए के अवार्ड की घोषणा की गई । यह अवार्ड भारतीय शास्त्रीय संगीत में अहम योगदान देने वाले कलाकारों के प्रति एक सम्मान है जो एक कलाकार की नजर से दिया जाता है।
इस अवार्ड में अब तक कत्थक नृत्यांगना सितारा देवी,कत्थक सम्राट बिरजू महाराज, सितार वादक शाहिद परवेज़, पंडित शिव कुमार शर्मा,सुनयना हजारीलाल,पंडित राम नारायण,गुरू सोनलमान सिंह,पंडित विश्वमोहन भट्ट,पंडित भजन सोपोरी,गुरू शोवना नारायण,पंडित सुशील जैन तथा पंडित कालेराम जैसे दिग्गज कलाकार सम्मानित किए जा चुके है।
आज के अवार्ड समारोह का आयोजन टैगोर थियेटर में 19वें गुरू एम.एल.कौसर अवार्ड समारोह का भव्य आयोजन सायं 6:30 बजे से किया गया। 19वां गुरू एम.एल.कौसर अवार्ड समारोह संगीत जगत की दो विभूतियों जानेमाने तबला वादक पंडित विनोद पाठक एवं प्रसिद्ध सितार वादक पंडित हरविंदर शर्मा को प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में अवार्ड प्रदान करने हेतु पद्मभूषण ग्रेमी अवार्ड विजेता पंडित विश्वमोहन भट्ट विशेष रूप से मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । इनके साथ सात्विक वीणा रचयिता पंडित सलिल भट्ट भी उपस्थित थे। मंच पर चैयरमैन श्री एस.के.मोंगा,रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर उपस्थित थे।
पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन करने के पश्चात चैयरमैन एवं अन्य विभूतियों द्वारा मुख्य अतिथि को सम्मानित किया गया । इसके उपरांत अवार्ड समारोह की शुरूआत की गई। सबसे पहले पंडित विनोद पाठक को शाल,स्मृति चिन्ह,मोमेंटो और 50 हजार रूपए भेंट किए गए । उपरांत पंडित हरविंदर शर्मा को शाल,स्मृति चिन्ह,मोमेंटो और 50 हजार रूपए भेंट किए गए ।
सम्मान समारोह को यादगार बनाने के लिए अवार्डी कलाकारों द्वारा एवं विशेष संगीत संध्या का आयोजन किया गया । जिसमें सबसे पहले पंडित विनोद पाठक द्वारा तीन ताल में निबद्ध तबला वादन पेश किया गया जिस में फारूखाबाद घराने की कुछ विशेष बंदिशें पेश की गई । और तबला में कायदे तोड़े , रेले, गत, टुकड़े , परं इत्यादि पेश किये गए। पारम्परिक बंदिशों से निबद्ध इस प्रस्तुति का सबने आनंद उठाया।
इनके साथ तबले पर इनके सुपुत्र विविश पाठक एवं हारमोनियम पर श्री दिनकर दिवेद्वी ने बखूबी संगत की।
इसके उपरांत पंडित हरविंदर शर्मा ने मंच संभाला और विलायत खान साहिब के शिष्य हरविंदर शर्मा ने सुन्दर स्वर लहरियों से सजा सितार वादन पेश किया। इन्होंने राग मिश्र खमाज में आलाप से शुरुआत की और गायिकी अंग से सजी प्रस्तुति में सुन्दर बंदिशें पेश करके दर्शकों का मन जीत लिया । खूबसूरत जोड़ झाला पेश करके हरविंदर शर्मा ने दर्शकों को जादू भरी शाम में खोने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का समापन इन्होने भटियाली धुन से किया । इनके साथ प्रसिद्द तबला वादक पंडित राम कुमार मिश्रा ने संगत करके चार चाँद लगा दिए।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को उत्तरीय एवं मोमेंटो से सम्मानित किया गया। कलाकारों द्वारा कलाकारों को समर्पित इस सम्मान समारोह ने दर्शकों को एक खूबसूरत शाम से यादगारी बना दिया।