Monday, November 10, 2025

पं.आशिम चौधरी और उनके साथ तबले पर पं. तबले पर देबाशीष अधिकारी

Emailed By PKK on Monday 10 th November 2025 at  5:57 PM Regarding Sitar Vadan Event सितार वादन

प्राचीन कला केंद्र द्वारा 313वां मासिक बैठक कार्यक्रम 11 को

चंडीगढ़: 10 नवंबर 2025: (कार्तिका कल्याणी सिंह//संगीत स्क्रीन डेस्क)::

पंडित असीम चौधरी के नाम का उच्चारण अगर अंग्रेज़ी में करें तो उच्चारण होता है Pt. Ashim Choudhary वाले स्पेलिंग के साथ। इस लिए कई बार  लोग अशीम भी कहते हैं। वैसे भी जब पता करो तो इस नाम के कई व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन इस खोज ले दौरान जल्दी ही सपष्ट हो जाता कि सितार वादन की धुनों से संगीत लहरियां छेड़ देने वाला असीम चौधरी कौन है! सितार की तारों पर स्वर लहरियों का जादू उस समय खूब बोलता है जब असीस साहिब की उंगलियां सितार पर दौड़ रही हों। पं.आशिम चौधरी और उनके साथ तबले पर पं. तबले पर देबाशीष अधिकारी

वास्तव में प्रख्यात सितार वादक पंडित असीम चौधरी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात सितार वादक हैं। जिन्होंने उन्हें मंच पर देखा सुना वे इस बात से भलिभांत अवगत हैं कि वह सितार के जादूगर ही हैं। रेडियो से उनके राब्ते ने उनके इस जादू को और महान बनाया। उनकी कला में निखार का एक कारण रेडियो भी रहा। रेडियो कलाकारों को जितने भी सुअवसर देता है तो उनमें से हर सुअवसर कलाकार की कला को और भी निखारता चला जाता है।  है। शायद रेडियो का माहौल ही ऐसा होता है। अपने केंद्र से घर घर तक पहुँचता हुआ कार्यक्र ,जीवंत भी हो तो भी। समाचार भी और गीत संगीत भी। 

उसी रेडियो में असीस साहिब आकाशवाणी अर्थात All India Radio के शीर्ष ग्रेड कलाकार हैं। वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) से भी जुड़े हुए हैं। यह संगठन कला की दुनिया का एक बहुत महान संगठन है। सस्ब्स्कृतिक केंद्र। 

गौरतलब है कि पंडित असीम चौधरी आचार्य पंडित बिमलेंदु मुखर्जी के शिष्य हैं और गांधार पंचम शैली में वादन करते हैं। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोहों में प्रदर्शन किया है और कई वेबिनारों तथन अन्य आयोजनों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उनके सुनने वाले उनके सितार वादन पर मंत्र मुग्ध हो जाते हैं।हैं।  वह एक जादू सा बांध देते हैं। 

चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले कला प्रेमियों और संगीत प्रेमियों के लिए यह एक प्रसन्नता का सुअवसर है कि वह 11 नवंबर 2025 को चंडीगढ़ के प्राचीन कला केंद्र में होंगें। आयोजन के विवरण का विवरण इसी पोस्ट में दिए गए निमंत्रण पत्र में भी आप देख सकते हैं। वैसे यह यादगारी आयोजन शाम 06:30 बजे शुरू हो जाएगा। यह संगीत आयोजन चंडीगढ़ के सेक्टर-35/बी में स्थित प्राचीन कला केंद्र परिसर के एमएल कोसर ऑडिटोरियम में होगा। कलाकारों में सितार वादन पर होंगें पं.आशिम चौधरी और उनके साथ तबले पर पं. तबले पर देबाशीष अधिकारी संगत करेंगे। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम भी बहुत ही यादगारी रहेगा। 

सितार और तबले का जादू आमने सामने बैठ कर देखना न भूलें। 


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