Wednesday, December 12, 2012

पंडि‍त रवि‍ शंकर के नि‍धन पर गहरे दुःख की लहर

 महान संगीतज्ञ पंडि‍त रवि‍ शंकर के नि‍धन पर हर तरफ गहरे दुःख की लहर महसूस की जा रही है।राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री और बहुत से अन्य प्रमुख लोगोंने     दुःख की इस घड़ी में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं। 
राष्‍ट्रपति ने पं. रविशंकर के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया 

राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने पं. रविशंकर के निधन पर शोक जताया। शोक संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा, ''पंडित जी प्रतिभाशाली व्‍यक्ति थे और उन्‍होंने भारत तथा विश्‍व को अपने अलौकिक संगीत से आनंदित किया। उन्‍होंने भारतीय शास्‍त्रीय संगीत में अपनी अमिट छाप छोड़ी तथा विश्‍व में भारतीय शास्‍त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाया। संगीत के क्षेत्र में उनकी कमी को भरा जाना मुश्किल है।'' 

उप राष्‍ट्रपति ने महान सितार वादक पंडित रवि शंकर के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया 

भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने महान सितार वादक पंडित रवि शंकर के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है। अपने संदेश में उन्‍होने कहा कि पंडित जी एक प्रतिष्ठित व्‍यक्ति थे जो अपने जीवन में ही संगीत की दुनिया के एक महान कलाकार बन गए थे। उनकी महानता को सभी जानते थे। उनका नाम भारतीय संगीत का पर्याय बन गया था। उनके निधन से संगीत की दुनिया में खालीपन आ गया है जिसे शायद ही भरा जा सकता है। उनका कार्य अमर है और यह दुनियाभर में उनके लाखों प्रशंसकों को प्रेरित करता रहेगा तथा आनंद देता रहेगा । 
उपराष्‍ट्रपति का शोक संदेश इस प्रकार है: 
' मुझे पंडित रवि शंकर के निधन पर बेहद अफसोस है। 

पंडित जी एक प्रतिष्ठित व्‍यक्ति थे जो अपने जीवन में ही संगीत की दुनिया के एक महान कलाकार बन गए थे। उनकी महानता को सभी जानते थे। उनका नाम भारतीय संगीत का पर्याय बन गया था। उनके निधन से संगीन की दुनिया में खालीपन आ गया है जिसे शायद ही भरा जा सकता है। उनका कार्य अमर है और यह दुनियाभर में उनके लाखों प्रशंसकों को प्रेरित करता रहेगा तथा आनंद देता रहेगा। 

मैं उनके परिवार और प्रशंसको के प्रति अपनी संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं। ईश्‍वरउन्‍हें यह दुख सहने की शक्ति और धैर्य प्रदान करे।' . (PIB) 12-दिसंबर-2012 18:18 IST

प्रधानमंत्री ने महान सितारवादक पंडित रविशंकर के निधन पर दुःख व्‍यक्‍त किया 

प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने जाने माने सितारवादक और संगीतकार पंडित रविशंकर के निधन पर दुःख व्‍यक्‍त किया है। अपने संवेदना संदेश में प्रधानमंत्री ने उन्‍हें दुनिया भर में भारत की संस्‍कृति का प्रसार करने वाला सबसे प्रभावकारी प्रतिनिधि बताया। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रत्‍न पंडित रविशंकर के निधन से उन्‍हें गहरा दुःख पहुंचा है। भारत ने एक महान सपूत और सितार की दुनिया ने एक सक्षम प्रतिनिधि खो दिया है। उनके निधन से संगीत के नभ की चमकती रोशनी बुझ गई है। उन्‍होंने शोक संतप्‍त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्‍यक्‍त की। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित रविशंकर से व्‍यक्तिगत तौर पर परिचित होने और दो बार उनके साथ राज्‍य सभा के सदस्‍य रहने के लिए वे खुद को धन्‍य मानते हैं। देश को न केवल उनके संगीत का आनंद लेने का सौभाग्‍य मिला बल्कि एक प्रभावकारी सांस्‍कृतिक प्रतिनिधि से भी साक्षात्‍कार करने का अवसर मिला। उनके दयालु स्‍वभाव और संगीत में उनके महारथ के कारण दो सभ्‍यताओं के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद मिली। 

उन्‍होंने प्रार्थना की कि ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति प्रदान करने के साथ-साथ परिवार के सदस्‍यों को इस दुःख को बर्दाश्‍त करने का साहस प्रदान करे। 

पंडि‍त रवि‍शंकर को दुनि‍या कभी भुला नहीं पाएगी – श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच 

संस्‍कृति‍मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने भारत के महान संगीतज्ञ पंडि‍त रवि‍ शंकर के नि‍धन पर गहरा शोक जताया है। उनके नि‍धन को देश की बड़ीक्षति‍ बताते हुए श्रीमती कटोच ने संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान खासकर पूरब और पश्‍चि‍म को वि‍लक्षण संगीत के जरि‍ए जोड़ने की कोशि‍श को वि‍शि‍ष्‍ट रूप से दर्शाया। 

श्रीमती कटोच ने कहा कि‍पंडि‍त रवि‍शंकर ने अपनी वि‍लक्षण संगीत प्रति‍भा से न केवल भाईचारा बढ़ाया बल्‍कि‍स्‍थानीय संगीत को राष्‍ट्रीय और राष्‍ट्रीय संगीत को अंतर्राष्‍ट्रीय जगत से जोड़ दि‍या। 

कई पुरस्‍कारों से सम्‍मानि‍त पंडि‍त रवि‍शंकर देश के सर्वोच्‍च् नागरि‍क सम्‍मान भारतरत्‍न से भी सम्‍मानि‍त थे। संस्‍कृति‍के क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्‍धि‍यों एवं योगदान के लि‍ए उन्‍हें पहला टैगोर सांस्‍कृति‍क सदभावना पुरस्‍कार – 2012 से भी सम्‍मानि‍त कि‍या गया।  (PIB)

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